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दपक भरतदप क शबद परकश-पतरक

दपक भरतदप क शबद परकश-पतरक. Tuesday, August 11, 2015. ललच और लभ क महल-हनद कवतlalach aur lobh ke mahal-hindi poem. जदग क रह म. समसयओ क दलदल. चलन आसन नह ह. कमनओ क उग पड़ क. जगल घन ह. बचन आसन नह ह. कह दपक बप फकर म. जदग जयद सरल लगत ह. सच आत भ जरर. मगर ललच और लभ क महल. छड़न आसन नह ह. लखक और कव-दपक रज ककरज भरतदप. गवलयर, मधयपरदश. Writer and poet-Deepak Raj Kukreja Bharatdeep. Gwalior, Madhya pradesh. यह कव236.

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दपक भरतदप क धरम सनदश-पतरक लखक सपदक दपक भरतदप,गवलयर मधय परदश

द पक भ रतद प क धर म सन द श-पत र क. मनस व प र ष ह ज वन क आन द उठ त ह -ग र प र ण म पर व श ष ह न द ल ख. भर त हर न त शतक म कह गय ह क. क वच त प थ व शय य क वच दप च पर वङ कशयन क वच छ क ह र क वच दप च श ल य दनर च. क वच त कन ध ध र क वच दप च द व य भवरधर मनस व क र य र थ न गपयत द ख न च स खम. ग व ल यर मध यप रद श. 2शब दल ख स रथ.

दपकबप कहन यह पतरक-बलग कह भ लक करन क अनमत बन कस भगतन क नह दय जयग. अगर बन अनमत क इस कह दखय गय त दस हजर रपय क भगतन करन हग लखक एव समपदक -दपक भरतदप, गवलयर

यह पत र क -ब ल ग कह भ ल क करन क अन मत ब न क स भ गत न क नह द य ज य ग . अगर ब न अन मत क इस कह द ख य गय त दस हज र र पय क भ गत न करन ह ग ल खक एव सम प दक -द पक भ रतद प, ग व ल यर. स व द ल भ अन न क पचन न ज न -द पकब प व ण. सभ इ स न स वभ व स च कन ह , स व र थ क म ल हर जगह ब कन ह. स म न क द म ऊ च ई पर डट ह , सम ज म र श त क द म घट ह. सम ज कल य ण क ल.

दपक भरतदप क हद पतरक दपक बप कहन क सहयग चटठ-यह मर मलक रचनए परकशत ह और इसक कह अनय वयवसयक परकशन क लए मर स परव अनमत एव परशरमक दन अनवरय हग ज परत रचन द हजर रपय ह कई लखक इसक परण य आश

द पक भ रतद प क ह द पत र क. प रच र म ध यम प क स त न स बदल ल न क उत वल न मच य , स घर ष ल ब ख च सकत ह -ह न द ल ख. म सम क बदलन , ख त म आग लग न तथ द प वल पर शहर म स म ह क र प स स फ सफ ई क वजह स व स भ सभ जगह पर य वरण प रद षण बढ त ह ऐस म पट ख क ह ज म म द र म नन क य ठ क ह? जबक अन क व हन त व स भ प रद षण फ ल त रहत ह. ह न द द वस पर द पकब प व ण. ह दय धड़क म त भ ष म. भ व पर य ब ज़ र म मत ख ल. कह द पकब प ख श ह य गम. द ल क जज ब त अपन ह. अपन ज ब ह न द म ब ल. अ ग र ज म सम म न कम य नह.

दपक भरतदप क ई-पतरक Deepak BharatdepS E-Megazine यह पतरक दश-वदश म रहन वल भरतय क लय परसतत क गय ह इसम परतदन रचनए परसतत क जयग, जसम आधयतम, सहतय एव समजक चरच करत ह

एश य ई ह क म प क पर ज त स प रच र म ध यम म ख श द खन ह थ -ह न द ल ख. वह ह त त आज उस हम इस तरह अपन शयनकक ष क पल ग क न च द बक द त. ध र म क ग र थ क ब त पहल समझ फ र व यक त कर -ह न द ल ख. बह त ढ ढन पर ह अथर वव द स यह श ल क म ल. आ ज ह व य म रद व न त भस व क रव य द व ष टब प धत सव सन. म र ख क अपन ज भ र प ज व ल स स ध र और बलव न ह कर म स ह र ह स क क अपन प रव त त स न व त त कर.

दपक भरतदप क शबदलख-पतरक यह पतरक दश-वदश म रहन वल भरतय क लय परसतत क गय ह इसम परतदन रचनए परसतत क जयग, जसम आधयतम, सहतय एव समजक चरच करत हए आलख, वयग, कहन, कवतए तथ शसतर क जञन सब

द पक भ रतद प क शब दल ख-पत र क. ट व क नह अपन र म ट भ ह थ म रख -ह न द च त तन ल ख. ट व क र म ट आपक ह थ म ह , आपक स वय क र म ट आपक आज ञ चक र-भ क ट , न क क ठ क ऊपर-ह त ह ट व पर क स च नल क बदलन स आपक मस त ष क पर क य प रभ व पड़त ह जर ग र फरम य. आज ञ चक र प रभ वश ल -व क र रह त-ह ग तब हम स ख क च हत पर श न नह करत क य क तब उसक वह बटन दबत ह ज उस स थ न क तरफ ल ज त ह जह आन द म लत ह जह ब ज न पड़ ह वह वह बटन त स वत दब रहत ह ज क ल श क तरफ मन क ल ज त ह.

दपक भरतदप क अमत सदश-पतरक Mastram Deepak Bharatdeeps Hindi amrit sandesh patrika लखक सपदक-दपक भरतदप, गवलयर

क षण क ए और श यर. छ ड आए वह गल य. उच च र जस प र ष स दय क अप क ष करन व यर थ-21 ज न व श व य ग द वस पर व श ष ल ख. प रक श त ह इसक अन य कह प रक शन क अन मत ल न आवश यक ह. 1द पक भ रतद प क ह न द पत र क.

दपक भरतदप क जगरण-पतरक Deepak Bharatdeep ki Jagran Patrika लखक सपदक-दपक भरतदप, गवलयर

ल खक स प दक-द पक भ रतद प, ग व ल यर. क न ह ओ क ब च ज ग ह न ह थ -ह न द कव त य. कन य ओ क कम थ. कह द पक ब प द श भ रम ह. मन बस थ प र व म. कदम बढ़ द य पश च म क तरफ. अपन अपन डर भग न क. शहर क ग दग ढ न व ल. न ल पर तरक क क. वर ष ऋत म उत स ह त जल. अपन सहचर ण र त. ज पत थर म जड़ ह. कह द पक ब प हव और जल. हम श चहलकदम नह करत. अपन पथ क कर भ नह भरत. प रक त त क हस त बड़ ह. 3 द पक भ रतद प क च तन.

दपक भरतदप क शबद- पतरक दपक बप कहन क सहयग पतरक-यह मर मलक रचनए परकशत ह और इसक कह अनय वयवसयक परकशन क लए मर स परव अनमत एव परशरमक दन अनवरय हग ज परत रचन द हजर रपय ह कई लखक इसक परण य आ

द पक भ रतद प क शब द- पत र क. इ द र य पर न य त रण रखन व ल ह ग र -ग र प र ण म पर नय ह न द प ठ. इस प वन पर व पर सहय ग ब ल ग ल खक म त र , प ठक , फ सब क और ट व टर क अन य य य क स थ ह भ रत य अध य त म क व च र ध र म नन व ल सभ सह दय जन क ह र द क बध ई. प रक श त ह इसक अन य कह प रक शन क अन मत ल न आवश यक ह.

दपक भरतदप क हनद कसर-पतरक Deepak Bharatdeep ki Hind Kesri Patrika यह पतरक-बलग कह भ लक करन क अनमत बन कस भगतन क नह दय जयग. अगर बन अनमत क इस कह दखय गय त दस हजर रपय क भगतन करन हग-लखक सप

यह पत र क -ब ल ग कह भ ल क करन क अन मत ब न क स भ गत न क नह द य ज य ग . अगर ब न अन मत क इस कह द ख य गय त दस हज र र पय क भ गत न करन ह ग -ल खक स प दक द पक भ रतद प,ग व ल यर. क षण क ए और श यर. ब ज र-प रच र. अधर म व यक त क तरक क द खकर व चल त न ह -मन स म त क आध र पर च त तन ल ख. व श व क अध कतर द श म ज र जन तक. आर थ क और स म ज क व यवस थ य ह उनम स दग. वह स हटन स प र व. अपन तरह क व यवस थ य न र म ण करन क ब द ह क स द श क आज द क य.

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