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कलम क नरजग .DESCRIPTION
कलम क नरजग . न बदल कई मजर, न पलछन कई बदल न बदल कई मसम, हमर गम नह बदल. अगर मल जय हम-तम फर स जह क भड म, त पओग क सब बदल मगर हम नह बदल. Saturday, July 11, 2015. कन ह कलकर? कन ह कलकर? अपन सपन क ज करन चहत ह सकर. आसन रह क छड़ ज जवन स कर सकछतकर. व ह ह कलकर. हरदय क कपन. और बहत भवनओ क ज द आकर. कल स ज परम कर बन तरट ,बन वकर. व ह ह कलकर. हर पल मसकरय व. व ह ह कलकर. Aasmaan k aanshu, raaste kee ret.CONTENT
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